Saturday, 28 January 2012

$$ पता नहीं क्यों? $$

$$ पता नहीं क्यों? $$

फिर से वादे निभाना है, पता नहीं क्यों?
फिर से मुस्कुराना है, पता नहीं क्यों?

उसने बस थोड़े दिनों कि मोहलत अता कि है....
फिर से ख्वाब सजाना है, पता नहीं क्यों?

उनसे कभी पूछूं कि आखिर माज़रा क्या है....
वो कहते है नहीं बताना, पता नहीं क्यों?

वो तो खुश है किसी गैर के दामन से लिपटकर....
मुझे भी कफ़न सजाना है, पता नहीं क्यों?

कोई हसरत कोई उम्मीद भी नहीं रही अब राज....
मिलने मगर जाना है, पता नहीं क्यों?

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