$$ आज़ाब-ए-मोहब्बत $$
यादो के कारवां बढते चले गए,
हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते चले गए....
बदलती रही तस्वीर मेरी तकदीर कि मगर...
हाथो कि लकीरों से हम लड़ते चले गए....
तेरे इंतज़ार में रोने के सिवा बाकि क्या रहा....
निगाहों के हंसी गुलशन उजड़ते चले गए....
तेरे ख्वाबो में जब तसब्बुर किसी और का देखा....
हम अपनी ही आरजू में सिकुड़ते चले गए....
मोहब्बत ना जाने क्या गुनाह है राज....
आज़ाब पे आज़ाब उमड़ते चले गए....
यादो के कारवां बढते चले गए,
हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते चले गए....
बदलती रही तस्वीर मेरी तकदीर कि मगर...
हाथो कि लकीरों से हम लड़ते चले गए....
तेरे इंतज़ार में रोने के सिवा बाकि क्या रहा....
निगाहों के हंसी गुलशन उजड़ते चले गए....
तेरे ख्वाबो में जब तसब्बुर किसी और का देखा....
हम अपनी ही आरजू में सिकुड़ते चले गए....
मोहब्बत ना जाने क्या गुनाह है राज....
आज़ाब पे आज़ाब उमड़ते चले गए....
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