Saturday 28 January 2012

$$ हाल-ए-दिल $$

 $$ हाल-ए-दिल $$

कुछ इस तरह मेरा अक्स नज़र में छुपा लेना....
शेर जुबां पे रखना, गज़ल दिल में बसा लेना....
वक्त-ए-सफर में तुमको अकेले ही चलना है गर....
मेरी यादों का महल दिल के कोने में सजा लेना....
कोशिश कभी करना नहीं दिल तोडने कि फिर....
मुझे याद करना पहले फिर किसी को सजा देना....
यूँ तो हज़ार बातें तुम्हे कहनी थी मुझसे....
रोज आना मेरी लहद पे जो चाहे सुना लेना....
अगर एक फूल का हकदार भी नहीं है दीवाना....
मज़ार-ए-राज पर कांटो का गुलदस्ता चढा देना....

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